अपने साहित्य को स्वर्णिम बनाने के लिए सर्वप्रथम स्वर्णिम साहित्य पर रजिस्ट्रेशन करें।
अपना मौलिक साहित्य अर्थात स्वतः लिखित लेख, रचनाएँ, शायरी आदि ही भेजें।
यदि आपका साहित्य स्वर्णिम साहित्य में चयनित होता है तो आपको मिलेगा पुरस्कार स्वरुप धनराशि।
स्वर्णिम साहित्य एक ऐसी साहित्य संस्था है जो न सिर्फ साहित्यिक धरोहर को संजोने में प्रयासरत है बल्कि नवीन लेखक, कवि/कवयित्री, रचनाकार, लेखन में रूचि रखने वाले तथा हिन्दी प्रेमियों को उनके सपने साकार करने में सहायता प्रदान कर रही है।
"हमने अनुभव किया है कि भारत में लेखकों, कवि/कवयित्रियों, साहित्यकारों की कमी नहीं है परन्तु उनकी स्वर्णिम कविताएँ, स्वर्णिम कहानियाँ, लेख, ग़जल आदि सिर्फ उनकी अलमारी में दब कर दम तोड़ देतीं हैं, किसी डायरी के पन्नों से बाहर आने के लिए किसी पिंजरे में बंद पंछी की भाँति फड़फड़ाती रहतीं हैं। उन्हीं कविताओं, कहानियों को जन-जन तक पहुँचाना हमारा संकल्प है।"
यदि आपने कोई पुस्तक लिखी है जो जन जन तक पहुँचने में असमर्थ हुई हो, स्वर्णिम साहित्य को भेजिए अपनी एक पुस्तक; हम रिव्यु करेंगे और प्रयास करेंगे आपकी पुस्तक को स्वर्णिम पुस्तक बनाने में; आपकी सहायता करेंगे कि आपका लेखन भारत के कोने कोने तक पहुँचें।
हमारा प्रयास कि आपकी पुस्तक किसी अलमारी में कैद न हो, उसको खुला आकाश मिले, भारत के हर व्यक्ति तक पहुँचे ।